लेखनी प्रतियोगिता -06-Aug-2023
#दिनांक:- 6/8/2023
#शीर्षक:- प्रीत निभाना
माप ना सकोगे, उदधि से भी ज्यादा गहरा है प्रेम मेरा,
ना आदी, ना अंत, ना किनारा है प्रेम मेरा,
सीप सा जप्त कर रखा है मेरी रूह को तुमने,
समन्दर गर तुम हो तो नदी सा प्रेम मेरा |
अधर की लाली तुमसे है,
खिलती मुस्कान प्यारी तुमसे है,
अकनिय प्रेम, अपरिमित भाव,
खुशी का हर चाह तुमसे है |
खो गई है जिन्दादिल अब,
गुमनाम, गुमसुम रहते है अब,
प्रेम की प्रीत निभाना प्रियवर,
सब कुछ तुम पर न्योछावर है अब |
रचना मौलिक, अप्रकाशित ,स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है
प्रतिभा पाण्डेय"प्रति"
चेन्नई
HARSHADA GOSAVI
07-Aug-2023 12:26 PM
Nice
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Alka jain
06-Aug-2023 08:17 PM
Nice
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Varsha_Upadhyay
06-Aug-2023 08:01 PM
शानदार
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